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INDEPENDENCE DAY 15 AUGUST

अंग्रेजों के अत्याचारों और अमानवीय व्यवहारों से त्रस्त भारतीय जनता एकजुट हो इससे छुटकारा पाने हेतु कृतसंकल्प हो गई। सुभाषचंद्र बोस, भगतसिंह, चंद्रशेखर आजाद ने क्रांति की आग फैलाई और अपने प्राणों की आहुति दी। तत्पश्चात सरदार वल्लभभाई पटेल, गांधीजी, नेहरूजी ने सत्य, अहिंसा और बिना हथियारों की लड़ाई लड़ी। सत्याग्रह आंदोलन किए, लाठियां खाईं, कई बार जेल गए और अंग्रेजों को हमारा देश छोड़कर जाने पर मजबूर कर दिया। इस तरह 15 अगस्त 1947 का दिन हमारे लिए 'स्वर्णिम दिन' बना। हम, हमारा देश स्वतंत्र हो गए।   यह दिन 1947 से आज तक हम बड़े उत्साह और प्रसन्नता के साथ मनाते चले आ रहे हैं। इस दिन सभी विद्यालयों, सरकारी कार्यालयों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है, राष्ट्रगीत गाया जाता है और इन सभी महापुरुषों, शहीदों को श्रद्धांजल‍ि दी जाती है जिन्होंने स्वतंत्रता हेतु प्रयत्न किए। मिठाइयां बांटी जाती हैं

आतंकवाद

भारत में नक्सलवाद भी अब आतंकवाद का रूप ले चुका है| पहले नक्सलवाद का उद्येश्य अपने वास्तविक हक की लड़ाई थी किंतु अब यह बहुत ही हिंसक विद्रोह के रूप में देश के लिए एक गंभीर समस्या एवं चुनौती बन चुका है| प्रारंभ में यह विद्रोह पश्चिम बंगाल तक सीमित था किंतु धीरे-धीरे यह है उड़ीसा, बिहार, झारखंड, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र एवं छत्तीसगढ़ क्षेत्रों में भी फैलता गया| वैसे तो  आतंकवाद के प्रमुख कारण राजनीतिक स्वार्थ, सत्ता एवं धार्मिक कट्टरता है किंतु नक्सलवाद जैसे विद्रोही गतिविधियों के सामाजिक कारण भी हैं जिनमें बेरोजगारी एवं गरीबी प्रमुख है विश्व के अधिकतर आतंकवादी संगठन युवाओं की गरीबी एवं बेरोजगारी का लाभ उठा कर ही उन्हें आतंकवाद के अंधे कुएं में कूदने के लिए उकसाने में सफल रहते हैं और बेरोजगार युवा इस काम को करने के लिए तैयार भी हो जाते हैं| आतंकवाद के संदर्भ में सार्वधिक बुरी बात यह है कि कोई नहीं जानता कि आतंकवादियों का अगला निशाना कौन होगा? इसलिए आतंकवाद नेआज लोगों के जीवन को असुरक्षित बना दिया है और यह मानव जाति के लिए कलंक बन चुका है| आतंकवाद की समस्या का सही समाधान

Article 35A

Article 35A of the Indian Constitution was an article that empowered the Jammu and Kashmir state's legislature to define "permanent residents" of the state and provide special rights and privileges to those permanent residents